मुंबई । अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने स्वीकार किया कि भले ही दुनियाभर में वैश्विक वृद्धि स्थिर रहेगी, लेकिन 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था में थोड़ी कमजोरी संभावित है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बनी रहेगी, खासकर अमेरिका की व्यापार नीति के चलते। जॉर्जीवा ने उम्मीद जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में थोड़ी कमजोर रहेगी। उन्होंने बताया कि भारत के अलावा चीन में मुद्रास्फीति और मांग की चुनौतियों का सामना करना भी आईएमएफ के लिए मुश्किल हो सकता है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन, कनाडा और मैक्सिको पर शुल्क लगाने की योजना की घोषणा का माध्यम उचित नहीं माना, कारण रखते हुए कि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को और अधिक अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है। जॉर्जीवा ने आगे कहा कि अमेरिका के नीतिगत कदम, खासकर शुल्क और कर वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण हैं और अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। उनके अनुसार यह अनिश्चितता चुनौतियों को बढ़ा सकती है, खासकर उन देशों और क्षेत्रों के लिए जो एकीकृत आपूर्ति शृंखलाओं में हैं, जैसे कि एशिया। इस सबके बावजूद जॉर्जीवा ने स्पष्ट किया कि समाधान और उपाय ढूंढने का समय है, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास को सुनिश्चित किया जा सके। आईएमएफ अपेक्षा रखती है कि इस अनिश्चितता को झेलने के लिए सपनों और उम्मीदों का सहारा न ले कर सजीव और सुरक्षित उपचारों से सामना किया जाए।