उत्तरकाशी हादसा: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का पहली बार सामने आया वीडियो, 10 दिन से कैसे रह रहे मजदूर
उत्तरकाशी : उत्तरकाशी टनल हादसे ने हर किसी को परेशान कर दिया है. 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे के सिलक्यारा बैंड के पास सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से 200 मीटर अंदर भूस्खलन हुआ। इस वजह से 41 मजदूर वहां पर फंसे हुए हैं। हालांकि मजदूरों को इस पाइप से पहली बार गर्म खाना भेजा गया तो अब उनकी तस्वीरें भी सामने आईं हैं। सभी ठीक हैं। हाल ही में टनल के अंदर से पहला वीडियो सामने आया है। इसमें फंसे हुए मजदूरों का हाल साफ नजर आ रहा है। आप भी देखें।
मजदूर कैमरे के सामने खड़े होकर वॉकी- टॉकी से बात किए
रेस्क्यू टीम ने नई पाइपलाइन के सहारे मलबे के पीछे एक कैमरा पहुंचा दिया है। बाहर स्क्रीन पर अब उनकी हर पल निगरानी की जा सकेगी। पहले वीडियो में दिख रहा है कि अंदर रोशनी का पर्याप्त इंतजाम है। सभी मजदूर कैमरे के सामने खड़े होकर वॉकी- टॉकी से बात कर रहे हैं। टीम के सभी सदस्य आसपास ही खड़े हैं और पूरी तरह फिट दिख रहे हैं।
रात को भेजी खिचड़ी, सुबह भी गर्मनाश्ता
10 दिन तक चना, मखाना आदि खाकर जिंदा रहे मजदूरों को सोमवार रात खिचड़ी भेजी गई। बोतलों में भरकर पाइप के सहारे उन तक खिचड़ी भेजी गई। सुबह भी उनके लिए गर्म नाश्ता तैयार किया गया। मजदूरों के पास मोबाइल, चार्जर जैसे उपयोगी सामान भी पहुंचाया गया है।
वर्टिकल ड्रिल मशीन पहुंची
टनल से मजदूरों को निकालने के लिए 5 प्लान बनाए गए हैं।फिलहाल एजेंसियां दो प्लान पर काम कर रही हैं। पहला अमेरिकी ऑगर मशीन सुरंग के मलबे में 800-900 मिमी का स्टील का पाइप डालने की कोशिश कर रही हैं। ताकि इस पाइप के सहारे मजदूरों को बाहर निकाला जाए। ऑगर मशीन से 24 मीटर खुदाई भी हो गई थी।हालांकि, मशीन में खराबी आ गई. इसके बाद काम रुक गया। आज दोबारा से ऑगर मशीन से ड्रिल शुरू होने की संभावना है। वहीं, दूसरी ओर वर्टिकल ड्रिल का भी प्लान है। इसके लिए मशीन सुरंग के ऊपर पहुंच गई है। यह मशीन आज दोपहर से खुदाई शुरू करेगी। यह सुरंग के ऊपर से खुदाई करेगी, ताकि सीधे ऊपर से ही मजदूरों को बाहर निकाला जा सके।
10 दिन से फंसे हैं मजदूर
दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए। इन्हें निकलने के लिए 10 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है।