भोपाल। भोपाल में 30 जून तक ट्यूबवेल खनन पर रोक लगा दी गई है। अब लोग नए ट्यूबवेल खनन नहीं करा सकेंगे। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने यह फैसला लिया है।
मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम की धारा-6 (1) के तहत पूरे जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर 30 जून 2024 तक प्रतिबंध लगाया गया है। कलेक्टर सिंह ने बताया, जिले में नलकूप, बोरिंग मशीन संबंधित स्ष्ठरू की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी और न ही नलकूप खनन करेगी। सार्वजनिक सडक़ों से गुजरने वाली मशीनों को छूट रहेगी।
कलेक्टर सिंह ने बताया, संबंधित एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी, अथवा नलकूप खनन, बोरिंग का प्रयास करेगी, इन मशीनों को जब्त कर संबंधित पुलिस थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा।
आदेश के अनुसार, उल्लंघन करने पर दो हजार रुपए के जुर्माने या दो वर्ष तक के कारावास या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किए जाने वाले नलकूप उत्खनन पर यह आदेश लागू नहीं होगा। पीएचई द्वारा कार्य योजनांतर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा। इसमें अनुमति की जरूरत नहीं रहेगी।
भोपाल जिले में कृषि एवं व्यवसायिक कार्य के लिए भू-जल स्रोतों का अति दोहन हो रहा है। इस कारण पेयजल स्त्रोत और नलकूपों का जल स्तर तेजी से गिर रहा है। गिरते भू-जल स्तर के कारण संपूर्ण जिले में आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए पूरे जिले में मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पेयजल से भिन्न अन्य प्रयोजन के लिए नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना जरूरी है। कलेक्टर ने कहा, पेयजल संकट की स्थिति का परीक्षण किए जाने पर यह पता चला कि यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नहीं लगाया तो ग्रीष्मकाल में जिले में गंभीर पेयजल संकट की स्थिति निर्मित हो सकती है।