मुंबई। 22 फरवरी को मढ़ी गांव की ग्राम पंचायत ने एक प्रस्ताव पास किया था, जिसमें 28 फरवरी से शुरू हुई मढ़ी ची यात्रा में मुस्लिम दुकानदारों के स्टॉल लगाने पर रोक लगाई गई थी। प्रस्ताव पास होने के बाद अहिल्यानगर जिला परिषद सीईओ आशीष येरेकर ने बीडीओ शिवाजी कांबले को इस प्रस्ताव की जांच के आदेश दिए थे। महाराष्ट्र की एक ग्राम सभा के प्रस्ताव के पक्ष में राज्य सरकार के मंत्री नीतीश राणे आ गए हैं। उन्होंने यहां तक यह दिया कि यहां हिन्दुत्व की सरकार है।
कांबले ने इस प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया था। उन्होंने कहा था, हमने जांच की है और पाया है कि सरकारी दिशानिर्देशों के तहत नहीं था। इसके अलावा इसमें 116 हस्ताक्षर हैं, जिनमें से 16 की पुष्टि नहीं हो सकी है। साथ ही प्रस्ताव में अन्य कमियां भी हैं...। ऐसे में मैं इस प्रस्ताव को असंवैधानिक करार देता हूं। जबकि मंत्री राणे ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है। उन्होंने कहा, गांव में हिन्दुत्व समर्थक जाग चुके हैं। ग्राम सभा का फैसला पूरे देश को रास्ता दिखाएगा। अगर हिन्दू धर्म को चुनौती दी जाएगी, तो ऐसे फैसले पूरे महाराष्ट्र में लिए जाएंगे। इससे पहले जिले के पालक मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने भी ग्राम सभा के फैसले का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, ग्राम सभा को प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पास करने का संवैधानिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ग्राम सभा के अधिकारी को माना है।
जिसमें कहा गया था कि गांव में होने वाली सालाना यात्रा में मुस्लिम व्यापारियों को दुकान लगाने पर रोक होगी। भारतीय जनता पार्टी के नेता ने गांव के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। साथ ही खंड विकास अधिकारी यानी बीडीओ की तरफ से इस फैसले पर उठाई गई आपत्ति पर चेतावनी भी जारी कर दी है।अहिल्यानगर पहुंचे राणे ने बीडीओ को सीधी चेतावनी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा, बीडीओ को यह याद रखना चाहिए कि महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की सरकार सत्ता में है। भले ही बीडीओ ने मढ़ी ग्राम पंचायत की तरफ से पारित किए गए प्रस्ताव पर रोक लगा दी हो, लेकिन मैं अपील करता हूं कि इस प्रस्ताव को दोबारा पास किया जाए। अगर सभी गांववाले प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर देते हैं, तो बीडीओ कैसे इसे नकार सकते हैं।