मध्य प्रदेश में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा एक बार फिर बोर्ड परीक्षा कहलाएगी। बता दें कि सोमवार को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से प्रदेश के 14 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। प्रशासन अकादमी स्थित स्वर्ण जयंती ऑडिटोरियम में कार्यक्रम आयोजित हुआ। प्राथमिक श्रेणी के आठ और माध्यमिक श्रेणी के छह शिक्षकों को ये सम्मान दिया जा रहा है। इनके नामों की घोषणा शनिवार को कर दी गई थी। 

कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ी घोषणा करते हुए  5वीं और 8वीं को फिर से बोर्ड का परीक्षा का दर्जा दे दिया है। 2007-08 से 5वीं और 8वीं की कक्षाओं को बोर्ड से अलग कर दिया गया था। बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ये फैसला लिया है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंहपरमार ने कहा कि ये फैसला सभी निजी और सरकारी स्कूलों पर लागू होगा। बता दें कि बच्चों पर परीक्षा के बढ़ते दबाव को देखते हुए स्कूली सत्र 2007-08 से 5वीं और 8वीं की कक्षाओं को बोर्ड से अलग कर दिया गया था। इसके बाद इन कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को औसत अंक देकर पास कर दिया जाता था। अब 15 साल बाद फिर उसी पैटर्न पर परीक्षाएं ली जाएंगी।