नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम को लेकर एक अधिसूचना जारी किया है। इस अधिसूचना के मुताबिक अब दिल्ली नगर निगम में अधिकतम 250 सीटें ही होंगी। इस अधिसूचना के तहत अब दिल्ली की एकीकृत नगर निगम की अधिकतम 250 सीटों में से 42 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गई हैं। यह आरक्षण 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया है। इससे पहले दिल्ली नगर निगम तीन निगमों में बंटा था, जिसमें कुल मिलाकर 272 वार्ड थे। केंद्र की मोदी सरकार ने कुछ महीने पहले ही तीनों निगमों को एक करने का फैसला किया था। आपको बता दें कि नगर निगम वार्डों के परिसीमन के लिए बीते जुलाई में तीन सदस्यीय आयोग बना था। केंद्र सरकार के इस अधिसूचना जारी होने के बाद दिल्ली में नगर निगम चुनाव को लेकर एक बार फिर से कयास तेज हो गए हैं। इससे पहले बीजेपी ने कहा था कि अब दिल्ली में एमसीडी चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी का ने एक बार फिर से बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर तरह-तरह के बहाने बना कर एमसीडी चुनाव टालने का आरोप लगा रही है। वहीं, कांग्रेस ने इस तरह का आरोप आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों पर मढ़ा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मई 2022 में राजधानी के नगर निकायों को मिलाकर एकीकृत दिल्ली नगर निगम बनाया था। 19 मई 2022 को केंद्र सरकार ने तीन नगर निकायों के विलय के लिए एक अधिसूचना जारी किया था। आपको बता दें कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों का कार्यकाल मई में ही खत्म हो चुके हैं। पिछले कुछ महीनों से दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना खुद दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार की सभी शिकायतों पर एक्शन ले रहे हैं। आपको बता दें कि एमसीडी की भ्रष्टाचार शिकायत सेल को मिलने वाली सभी शिकायतों को जल्दी से निपटारा भी किया जा रहा है। साथ ही एमसीडी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जनता की शिकायतों को दूर करने के लिए पूर्व पार्षदों से संपर्क में रहें। इसके साथ ही जलभराव, रखरखाव और मरम्मत कार्यों जैसे गड्ढे भरना, क्षतिग्रस्त फुटपाथ को ठीक करना, स्ट्रीट लाइट जैसे मुद्दों की कई शिकायतें पर तुरंत कार्रवाई की जाए। साफ-सफाई जैसे विषयों पर अगर शिकायतें आती हैं तो उसका समाधान तुरंत किया जाए।