सात देशों का समूह जल्द ही रूस से खरीदे जाने वाले तेल पर प्राइस कैप लगाने अर्थात इसकी कीमत तय करने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार अगर भारत सीधे तौर पर इस कवायद के साथ नहीं जुड़ता है तब भी उसे इसका फायदा होगा।अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट के आतंकवादी वित्तपोषण और वित्तीय अपराध शाखा के सहायक सचिव एलिजाबेथ रोजेनबर्ग ने कहा है कि जी7 के देश रूसी तेल पर प्राइस कैप लगाते हैं तो भारत की पहुंच कम कीमतों पर उपलब्ध ईंधन तक होगी। रूस के साथ तेल के आयात के लिए कीमतों के मोलभाव में यह भारत की मदद करेगा। उन्होंने कहा कि हम रूस को उसकी ओर से यूक्रेन पर किए गए आक्रमण का फायदा नहीं उठाने देंगे।