छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में टेकनार के गो संवर्धन और शोध केंद्र के 29 मवेशी गायब हैं। जबकि, 15 मवेशियों की मौत हो गई है। यहां के कर्मचारी भी बेहद परेशान हैं। न तो कर्मचारियों को वेतन मिल रहा और न ही बची हुई गायों को दाना-पानी दिया जा रहा है। शिकायत मिलने पर पशुधन विकास विभाग ने जांच शुरू कर दी है। विभाग ने केंद्र की जिम्मेदारी संभालने वाले दृष्टिदात्री फाउंडेशन के अध्यक्ष और सचिव को नोटिस जारी कर 7 दिन के अंदर जवाब मांगा है।

दरअसल, इस केंद्र को पहले पशुधन विकास विभाग संभाल रहा था। साल भर पहले ही इसे दृष्टिदात्री फाउंडेशन को दिया गया। इसके बाद से दिक्कतें शुरू हो गईं। कर्मचारियों का आरोप है कि, अब भी गाय मृत होने की स्थिति में हैं। वेतन नहीं मिलने से हमारे सामने भी आर्थिक संकट गहरा रहा है। संस्था के अध्यक्ष, सचिव फोन तक रिसीव नहीं करते। इधर, पशुधन विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ अजमेर सिंह कुशवाह ने बताया कि जांच में 29 मवेशी नहीं मिले।

इंश्योरेंस की प्रक्रिया के लिए पशुधन विकास विभाग से जुड़े लोग बताते हैं कि, शोध केंद्र में यदि किसी जानवर की मौत हुई है तो तत्काल वेटनरी विभाग को जानकारी देना होता है। वहां डॉक्टरों की टीम पहुंचेगी और कान में लगे टैग के हिस्से को काटा जाएगा। इसके बाद पूरी पारदर्शिता के साथ जानवर का पोस्टमार्टम होगा।

पोस्टमार्टम से पता चलेगा वह किस बीमारी के चलते मरा है। या फिर किसी जहरीले जंतु के डंसने से मौत हुई है। डेथ ऑफ कॉज निकल कर सामने आएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही आप इंश्योरेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं। गो संवर्धन केंद्र में मरे जानवरों का ना तो पंचनामा हुआ है और ना ही लिखित में कोई पशुधन विकास विभाग को जानकारी दी गई है। इस बात का दावा पशुधन विकास विभाग कर रहा है।