भोपाल : प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा है कि पर्यटन स्थलों पर गाइड पर्यटकों के 'मॉन्यूमेंट गुरु' होते हैं। पर्यटन स्थल के बारे में जितनी जानकारी गाइड देते हैं उतना ही पर्यटक जान पाते हैं। इसलिए गाइड द्वारा किया पर्यटकों को प्रामाणिक और शोध की गई जानकारी दी जानी आवश्यक है। प्रमुख सचिव शुक्ला आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में गाइड उन्मुखीकरण और कौशल विकास कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। प्रमुख सचिव शुक्ला ने गाइड्स को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि टूरिस्ट गाइड रेटिंग सिस्टम (RGTS) के अंतर्गत प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले गाइड को आगामी वर्ष से पुरस्कार स्वरूप क्रमश: 2 लाख रुपये, 1 लाख रुपये एवं 50 हजार रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।

प्रमुख सचिव शुक्ला ने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए गाइड विभिन्न भाषाओं का ज्ञान प्राप्त करें और मधुर व्यवहार रखें। प्रेरक के रूप में कार्य करते हुए पर्यटकों को स्वच्छता के लिए प्रेरित भी करें। पर्यटन स्थल की जानकारी के साथ प्रदेश की उपलब्धियों और विशेषताओं की जानकारी दें। आसपास के पर्यटन स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराएं। इससे मध्यप्रदेश के प्रति पर्यटकों में रुचि बढ़ेगी और वह फिर से पर्यटन के लिए मध्यप्रदेश आयेंगे। सभी गाइड किसी भी पर्यटक के लिए केयर टेकर की भूमिका निभाएं, इससे निश्चित ही पर्यटक सुखद और अविस्मरणीय अनुभव अपने साथ ले जाएंगे। प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि आगामी समय में गाइड की संख्या में वृद्धि किए जाने के साथ गाइड को दी जाने वाली सुविधाओं में वृद्धि की जायेगी। साथ ही उनके कौशल को निखारने के लिए तकनीक आधारित वर्कशॉप और ऑनलाइन सेशन लिए जायेगे।

अपर प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड सुबिदिशा मुखर्जी ने कहा कि गाइड्स,  पर्यटन विभाग और पर्यटकों के बीच ब्रिज के रूप में कार्य करते हैं। वे ही प्रदेश और देश के गौरवशाली इतिहास को पर्यटकों से साझा करते हैं। उनकी कुशलता से ही आगंतुकों को हमारी समृद्ध परंपराओं और संस्कृति का ज्ञान होता है। मध्यप्रदेश में वर्तमान में 72 गाइड अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जल्द ही 313 पदों पर गाइड की भर्ती शुरू की जाएगी। सुमुखर्जी ने कहा कि गाइड्स की दक्षता को बढ़ाने के लिए आगे भी कार्यशालाएं आयोजित जाएगी। गाइड्स को अलग–अलग भाषाओं के ज्ञान के साथ ही तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा हैं।

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर भुवन विक्रम सिंह ने कहा कि गाइड्स स्थानीय संस्कृति के परिचायक हैं। वे पर्यटकों के दिग्दर्शक हैं, जो उनकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाते हैं। भारतीय संस्कृति से विश्व भर के पर्यटकों को अवगत कराते हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कार्यरत लाइसेंसधारी राज्य स्तरीय एवं स्थानीय गाइड्स के प्रशिक्षण, कार्यकुशलता में वृद्धि एवं व्यवहारिक दक्षता को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राज्य पुरातत्व संग्रहालय एवं अभिलेखागार भोपाल, मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, IITTM ग्वालियर एवं विषय विशेषज्ञों के सहयोग से किया जा रहा है। इस दौरान विषय विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों में पर्यटन स्थलों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, प्रस्तुतिकरण कौशल, नई तकनीक, पर्यटकों के साथ संवाद शैली तथा पर्यटन संबंधी विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर टूरिस्ट गाइड रेटिंग सिस्टम (RGTS) से चयनित गाइड्स ओरछा से शशि भूषण सिंह-प्रथम, सांची से सुरेंद्र सिंह भदौरिया–द्वितीय और खजुराहो से राजेश अवस्थी–तृतीय को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज कुर्मी उपस्थित थे।

हैरिटेज वॉक में ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण

कार्यक्रम के दूसरे दिन 1 जुलाई, मंगलवार को सुबह 7 बजे से हैरिटेज वॉक का आयोजन भी किया जाएगा। कमला पार्क से सदर मंजिल तक आयोजित होने वाली इस हैरिटेज वॉक में गाइड्स को ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर उनकी विरासत, सांस्कृतिक महत्व एवं स्थानीय कहानियों को व्यावहारिक रूप में समझने का अवसर मिलेगा। इस कार्यशाला से गाइड्स को अपने ज्ञान व कौशल में नवाचार करने का मंच मिलेगा, जिससे वे पर्यटकों को और अधिक रोचक, तथ्यपरक एवं प्रभावी जानकारी प्रदान कर सकेंगे।