भोपाल । अब तक साइबर ठगोरे या तो लोगों को बातों में उलझाकर ओटीपी मांग लेते थे और उनका खाता साफ कर देते थे या फिर लिंक भेजकर ठगते थे, लेकिन अब लोगों ने ओटीपी देना बंद किया तो उन्होंने ठगी के लिए नया तरीका निकाला है। वे अब लोगों से ऐप डाउनलोड करवा रहे हैं और उनका खाता साफ कर दे रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आने के बाद क्राइम ब्रांच ने एडवाइजरी जारी की है। आजकल किसी भी व्यक्ति को सामान खरीदना हो या फिर कुछ और ऑनलाइन मंगवाना हो तो गूगल पर कस्टमर केयर को सर्च कर कंपनी की जानकारी लेते हैं। यहां कई ठगों ने फर्जी ऐप बना रखे हैं। जब लोग उनसे संपर्क करते हैं तो उनको कहा जाता है कि यह ऐप डाउनलोड करें। जैसे ही वे ये ऐप डाउनलोड करते हैं ठग उनका रिमोटली एक्सेस कर ऑनलाइन ठगी करते हैं। इसके बाद उनका ओटीपी ठग के पास पहुंचता है और वह खाते से पैसा निकाल लेता है। ऐसे कई ऐप डाउनलोड करने के चक्कर में इंदौर में कई लोग ठगों का शिकार हो गए। क्राइम ब्रांच ने कल एडवाइजरी जारी की कि क्विक सपोर्ट, टीमवियर, मिंगलेवियर और एनई डेस्क जैसे ऐप किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर डाउनलोड न करें, वरना आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। घटना होने पर क्राइम ब्रांच के साइबर हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत संपर्क करने को कहा है, ताकि समय रहते शिकायत मिलने पर उनका पैसा वापस करवाया जा सके। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लगातार जागरूकता के चलते आजकल कम लोग ओटीपी किसी को नहीं बताते हैं। इसके चलते अब ठगों ने यह नया तरीका ईजाद किया है।