भोपाल । राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को भोपाल शहर में दिन भर बादल छाए रहे। बीच-बीच में हल्की फुहारें भी पड़ती रहीं। मौसम विभाग के अनुसार, अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के असर से यह बारिश हो रही है।  मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को भी बादल बने रहेंगे। साथ ही रुक-रुककर वर्षा भी हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी में इस सीजन में शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 1735.9 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा (905.7 मिमी.) की तुलना में 91 प्रतिशत अधिक है। हालांकि अभी भी चार जिलों रीवा, सीधी, दतिया एवं आलीराजपुर में सामान्य से काफी कम वर्षा हुई है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, वर्तमान में गहरा कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर बना हुआ है। मानसून ट्रफ जैसलमेर, कोटा से उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर बने गहरे कम दबाव के क्षेत्र से सीधी, डाल्टनगंज, दीघा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। एक अन्य ट्रफ कोंकण से लेकर गहरे कम दबाव के क्षेत्र से होकर छत्तीसगढ़, ओडिशा से बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर बना गहरे कम दबाव का क्षेत्र अब उत्तर-पूर्व की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके पूर्वी उत्तर प्रदेश में जाकर अवदाब के क्षेत्र में बदलने की संभावना है। इन मौसम प्रणालियों के असर से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से मिल रही नमी के कारण रुक-रुककर वर्षा हो रही है। शुक्ला के मुताबिक शुक्रवार को ग्वालियर, चंबल, उज्जैन एवं सागर संभागों के जिलों में झमाझम वर्षा होगी। भोपाल, जबलपुर, इंदौर, जबलपुर संभागों के जिलों में बादल बने रहेंगे। बीच-बीच में छिटपुट वर्षा भी हो सकती है। गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सिर्फ दो मिलीमीटर वर्षा हुई, लेकिन रात के समय अचानक कई स्थानों पर झमाझम वर्षा हुई, जिसके चलते रात साढ़े आठ बजे तक 18 मिमी. वर्षा रिकार्ड हुई। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शहर में बीते चौबीस घंटों के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक डेढ़ इंच से ज्‍यादा (39 मिमी) वर्षा हुई।