भोपाल । प्रदेश की राशन की दुकानों पर अभी तक अंगूठे से वेरीफिकेशन करने के बाद राशन दिया जाता था, लेकिन अब आंखों की पुतली यानी आइरिस वेरीफिकेशन के बाद राशन मिलेगा। आइरिस वेरीफिकेशन को लेकर टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। वहीं प्रदेश में पीडीएस सिस्टम में अब फोर्टिफाइड चावल देने की तैयारी चल रही है, यह मध्यान्ह भोजन और आंगनबाड़ी में पहले से चल रहा है। इसमें चावल पर आयरन, कैल्शियम आदि की कोटिंग कर दी जाती है, जिससे पोषण बढ़ जाता है। सिंगरौली सहित दो जिलों में बतौर ट्रायल यह शुरू भी किया गया है, लेकिन अब जल्द पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की तैयारी है। विभाग पूरी तैयारी कर चुका है, कैबिनेट में प्रस्ताव पास होना बाकी है। इसके साथ ही राशन दुकानों पर गेंहू की बजाए आटा देने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। उचित मूल्य की दुकानों पर अभी बायोमेट्रिक सिस्टम के तहत पीओएस मशीन पर अंगूठा लगवाया जाता है। आधार से लिंक किया गया है जिसके बाद ही उपभोक्ता को राशन दिया जाता है। राशन वितरण पर निगरानी दोहरी करने के मकसद से अब आंखों की पुतली से यानी आइरिस वेरीफिकेशन किया जाएगा। इसको लेकर हाल ही में केंद्रीय दल ने भी ग्वालियर में भ्रमण किया था। इसी दौरान आइरिस वेरीफिकेशन को लेकर अधिकारियों से चर्चा भी की थी। इसको लेकर टेंडर की प्रक्रिया कर ली गई है और जिस कंपनी विजन टेक के पास पीओएस मशीन से वेरीफिकेशन का काम है उसे ही यह कार्य दिया जाएगा। विभाग के संयुक्त संचालक सीएस जादौन के अनुसार आइरिस वेरीफिकेशन होने के बाद निगरानी बढ़ जाएगी। जिसका फायदा उपभोक्ता को ही मिलेगा।

पांच या दस किलो पैक में आटा देने की भी तैयारी
राशन दुकानों पर राशन की कालाबाजारी को रोकने के लिए जल्द ही गेहूं की जगह आटा देने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर पहले से तैयारी की जा रही है जिसमें पांच या दस किलो का पैक दिया जाएगा। आटा मिलने से हितग्राहियों को गेहूं पिसाने की भी समस्या नहीं रहेगी। फोर्टिफाइड चावल को पीडीएस सिस्टम में लाने से पहले हेल्थ एक्सपर्ट के जरिए जांच कराई जाएगी। जांच में यह देखा जाएगा कि पहले आंगनबाड़ी और मध्यान्ह भोजन सिस्टम में जो फोर्टिफाइड चावल दिया जा रहा है, उससे बच्चों के स्वास्थ्य में कितना लाभ हुआ है। इसी रिपोर्ट के आधार पर पीडीएस में इसे लागू करेंगे।