भोपाल। शहर में तेज वर्षा का दौर अगले एक सप्ताह के लिए थमेगा और हल्की वर्षा ही होगी। सितंबर के पहले सप्ताह में तेज बौछारों से शहर भीगेगा। मौसम केंद्र के मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अति कम दबाव का क्षेत्र पूर्व राजस्थान की ओर शिफ्ट हो गया है। इस वजह से शहर में हल्की वर्षा ही होगी। एक कम दबाव का क्षेत्र बांग्लादेश में बना हुआ है, जो आगामी दिनों में झारखंड व ओडि़शा होते हुए मप्र की ओर आएगा। इसके असर से 29 अगस्त से पूर्वी मप्र में तेज वर्षा का दौर शुरू होगा। वहीं एक सितंबर से एक बार फिर तेज बौछारों से भोपाल भीगेगा।
उत्तर गुजरात में गहरा अबदाव का क्षेत्र बना हुआ है। अगले कुछ दिनों में पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिशा में गुजरात, पाकिस्तान और कच्छ तक इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। मानसून द्रोणिका मप्र से होकर गुजर रही है, लेकिन इसका असर कम हो गया है। इससे मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश से लोगों को राहत मिल गई है।
यहां सक्रिय है वेदर सिस्टम
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर गुजरात पर बना गहरे दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इसके 29 अगस्त की सुबह तक सौराष्ट्र और कच्छ तट और पाकिस्तान के आसपास के क्षेत्रों और उत्तर-पूर्व अरब सागर तक पहुंचने की संभावना है। झारखंड और उसके आस-पास के इलाकों में भी एक कम दबाव का क्षेत्र बना है, जिसके के झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढऩे और अगले 24 घंटों के दौरान धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है। मानसून की द्रोणिका अब उत्तरी गुजरात, सागर, झारखंड, दीघा पर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व की ओर गहरे दबाव के केंद्र से होकर गुजर रही है। उधर 29 अगस्तको पूर्वी मध्य और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी में एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल तट तक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है।