भोपाल । मप्र के सिंगरौली जिले में कोल इंडिया की कंपनी एनसीएल के कई खदानों में कोयले का ट्रांसपोर्ट पिछले 7 दिनों से बिल्कुल ठप्प हो गया है। दरअसल, बीते एक सप्ताह से सिंगरौली मोटर एसोसिएशन हड़ताल पर है। बीते 1 सितंबर से मोटर एसोसिएशन हड़ताल भाड़ा घटाए जाने का विरोध कर रही है, जिससे मोटर एसोसिएशन ट्रांसपोर्ट को ठप्प है। कोयले का ट्रांसपोर्ट बंद है, ऐसे में कोयले के व्यापार से जुड़े डियो होल्डर और ट्रांसपोर्टर्स को बड़ा नुकसान हो रहा है।
1 सितंबर 2022 से डीओ होल्डर ने 100 रुपए प्रति टन के करीब भाड़े को घटा दिया है, जिससे सिंगरौली मोटर एसोसिएशन नाराज है। मोटर एसोसिएशन लगातार इसका विरोध कर रहा है और हड़ताल पर है। हड़ताल का असर कुछ ऐसा है कि सभी खदानों में ट्रांसपोर्टर्स ने अपने-अपने इच्छा से गाडिय़ों को बंद कर दिया और बाहर से आए हुए ट्रांसपोर्टर और गाड़ी को भी हटाने का विरोध कर रहे हैं।
सिंगरौली मोटर एसोसिएशन के इस हड़ताल को कुछ बड़े ट्रांसपोर्टर बेवजह मान रहे हैं। उनका कहना है कि जो रेट 2021 में फिक्स हुआ था वह रेट आज डियो होल्डर दे रहे हैं और देने को तैयार हैं। बीच में इमरजेंसी का रेट बढ़ाया गया था, जिससे कोयले का काम न फंसे सभी डीओ होल्डर ने रेट बढ़ा कर अपना काम निकाल लिया था, लेकिन यह परमानेंट रेट नहीं था। परमानेंट रेट सभी डियो होल्डर दे रहे हैं। यहां पर हड़ताल किसी तरह से जायज नहीं है। इसका नुकसान उन लोगों को हो रहा है, जिनके पास एक या दो गाडिय़ां हैं। वह अपनी गाडिय़ों की किस्त भर कर अपने घर का खर्चा चलाते हैं। पिछले 7 दिनों से हड़ताल बेवजह और बेबुनियाद मांगों को लेकर हो रहा है।
सिंगरौली मोटर एसोसिएशन जिला अध्यक्ष विनोद सिंह ने हड़ताल को लेकर जानकारी दी। 1 सितंबर से 100 रुपए डियो होल्डर ने घटा दिया, जिससे गाड़ी मालिकों को नुकसान हो रहा है। सभी खदानों में कोयला ट्रांसपोर्ट ठप हो रहा है और अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हड़ताल जारी रहेगा। कोयले का ट्रांसपोर्ट ठप रहेगा। स्थानीय लोगों को प्राथमिकता और बाहरी लोगों की गाडिय़ां भी बंद रहेंगी।