26 या 27 मई कब रखा जाएगा ज्येष्ठ महीने का पहला संकष्टी चतुर्थी व्रत,
माना जाता है कि कोई भी पूजा आराधना करने के लिए सबसे पहले भगवान श्री गणेश का आहवान किया जाता है. भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार के विघ्न समाप्त हो जाता है. इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. वहीं, ज्येठ महीना का प्रारम्भ हो चूका है. इस महीने मे पूजा पाठ का महत्व ज्यादा है. ज्येठ महीने मे भगवान गणेश की पूजा आराधना करने से सभी प्रकार के कस्ट समाप्त हो जाता है. तो आईये देवघर के ज्योतिषआचार्य से जानते है कि कब है जेठ महीना का संकष्टी चतुर्थी. इस दिन क्या शुभ योग बन रहा है?
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषआचार्य पंडित नन्दकिशोर मुदगल लोकल 18 से कहा कि जेठ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. वहीं, इस साल 26 मई को जेठ महीना का पहला संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है.संकष्टी चतुर्थी के दिन इस शुभ योग में चंद्रमा को अर्घ प्रदान करते है, तो सारी विघ्न समाप्त हो जाएगा. सभी प्रकार के मनोकामना पूर्ण हो जाएगा.
कब से शुरुआत हो रहा है संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी की शुरुआत 26 मई को सुबह 8बजकर 36मिनट से लेकर अगले दिन यानी 27मई को सुबह 10 बजकर 11मिनट मे समाप्त होता है. क्योंकि संकष्टी चतुर्थी में चंद्रोदय देखा जाता है. इसलिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत 26 मई को रखा जाएगा.वहीं, पूजा का शुभ मुहूर्त अहले सुबह 6बजकर 36 मिनट से लेकर 11बजकर 32मिनट में है इस समय सर्वार्थ सिद्धि योग है.
इस मंत्र का जाप करते हुए करे चन्द्रमा को अर्घ
संकष्टी चतुर्थी में भगवान गणेश की पूजा आराधना की जाती है. इसके साथ ही इस दिन चंद्रमा को भी अर्घ प्रदान किया जाता है. अगर आप भगवान गणेश की पूजा आराधना करते वक्त ॐ गण गणपतये नमः के मन्त्र का 108बार जाप करते हुए पूजा करते है. तो घर मे सुख समृद्धि की बढ़ोतरी होंगी. सभी प्रकार के संकट समाप्त हो जाएगा. इसके साथ ही इस दिन चन्द्रमा को अर्घ देते समय दूध मे गंगाजल,अरवा चावल और चीनी मिलाकर अर्घ प्रदान करते है.