विदेशी कोयले के उपयोग के बाद छत्तीसगढ़ में बिजली की कीमत में 30 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। सीएम भूपेश बघेल कीमत बढ़ने को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भूपेश सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने यह साबित कर दिया है कि बिजली बिल हाफ भी अन्य वादों की तरह एक चुनावी वादा था। एक साल में 4 बार बिजली की कीमत में बढ़ोतरी कर दी गई। अभी 4 महीने पहले 16 पैसे की वृद्धि हुई थी। अभी एक यूनिट में 30 पैसे की वृद्धि की गई। यानी 900 का बिजली बिल पटाने वाले को अब सीधे-सीधे 1400 रुपये देने होंगे। डॉ. रमन ने कहा कि भूपेश की सरकार आने के बाद बिजली आती नहीं। पूरी कटौती रहती है। लगातार बिजली के बिल में परिवर्तन और वृद्धि करके उसने बताया दिया कि बिजली बिल हाफ सिर्फ चुनावी वादा था।

इधर सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से बिजली की कीमत बढ़ी है। अगले कुछ महीनों में बिजली की दर और महंगी हो सकती है। 3 से 4 हजार रुपये प्रति टन की जगह विदेशों से आयातित 15 से 18 हजार रुपये टन के कोयले से बिजली का उत्पादन होगा तो उत्पादन लागत बढ़ेगा ही। देश में जितनी कोल माइंस हैं, उससे कोयले की पूर्ति नहीं कर पा रही है।